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Showing posts from December, 2024

Paryavaran Sanrakshan: Aaj Ki Zaroorat, Kal Ki Suraksha

  पर्यावरण हमारे जीवन का आधार है। पृथ्वी पर जीवन की निरंतरता के लिए स्वच्छ वायु , शुद्ध जल , हरित वनस्पति और उपजाऊ भूमि अत्यंत आवश्यक हैं। परंतु औद्योगीकरण , शहरीकरण , वनों की अंधाधुंध कटाई , प्लास्टिक और रसायनों के बढ़ते उपयोग ने पर्यावरण को गंभीर संकट में डाल दिया है। जलवायु परिवर्तन , ग्लोबल वार्मिंग , वायु प्रदूषण , जल संकट और जैव विविधता का नाश हमारे अस्तित्व के लिए गंभीर चुनौतियाँ बन चुके हैं। ऐसे में , पर्यावरण को कैसे बचाएं यह प्रश्न अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। इस लेख में हम पर्यावरण संरक्षण के महत्व , उसके लिए अपनाए जाने वाले उपायों और इसमें समाज की भूमिका को विस्तार से समझेंगे। पर्यावरण संरक्षण क्यों आवश्यक है ? पर्यावरण संरक्षण केवल एक वैकल्पिक विचार नहीं बल्कि समय की आवश्यकता है। इसके कई कारण हैं : जीवन का आधार : शुद्ध वायु , जल और भोजन के बिना जीवन असंभव है। प्रदूषण के बढ़ने से ये सभी संसाधन दूषित हो रहे हैं , जिससे मान...

Kheti Mein Rozgar ke Asimit Avasar

भारत एक कृषि प्रधान देश है , जहाँ की लगभग 70% आबादी खेती पर निर्भर है। यहाँ खेती न केवल देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है , बल्कि रोजगार के नए अवसर पैदा करने का भी एक प्रमुख स्रोत है। बदलते समय के साथ , कृषि में आधुनिक तकनीकों और योजनाओं का समावेश हुआ है , जिसने इसे और भी आकर्षक और लाभदायक बना दिया है। यह लेख खेती में रोजगार के अवसरों और इसकी संभावनाओं पर प्रकाश डालेगा। पारंपरिक खेती में रोजगार पारंपरिक खेती लंबे समय से रोजगार का मुख्य साधन रही है। खेत जोतने , बुआई करने , सिंचाई , फसल कटाई और उनके रख - रखाव में बड़ी संख्या में लोग रोजगार पाते हैं। ग्रामीण इलाकों में यह रोजगार का सबसे बड़ा स्रोत है। पारंपरिक खेती में रोजगार के मुख्य रूप : - खेत मज़दूर : खेतों में दैनिक श्रम करते हुए बीज बोने और फसल काटने जैसे कार्यों में मदद करना। - कृषि उपकरण संचालन : हल , ट्रैक्टर और अन्य उपकरण चलाने का काम। - फसल प्रबंधन : कीटनाशकों का छिड़काव और फस...