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Showing posts from February, 2025

Paryavaran Sanrakshan: Aaj Ki Zaroorat, Kal Ki Suraksha

  पर्यावरण हमारे जीवन का आधार है। पृथ्वी पर जीवन की निरंतरता के लिए स्वच्छ वायु , शुद्ध जल , हरित वनस्पति और उपजाऊ भूमि अत्यंत आवश्यक हैं। परंतु औद्योगीकरण , शहरीकरण , वनों की अंधाधुंध कटाई , प्लास्टिक और रसायनों के बढ़ते उपयोग ने पर्यावरण को गंभीर संकट में डाल दिया है। जलवायु परिवर्तन , ग्लोबल वार्मिंग , वायु प्रदूषण , जल संकट और जैव विविधता का नाश हमारे अस्तित्व के लिए गंभीर चुनौतियाँ बन चुके हैं। ऐसे में , पर्यावरण को कैसे बचाएं यह प्रश्न अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। इस लेख में हम पर्यावरण संरक्षण के महत्व , उसके लिए अपनाए जाने वाले उपायों और इसमें समाज की भूमिका को विस्तार से समझेंगे। पर्यावरण संरक्षण क्यों आवश्यक है ? पर्यावरण संरक्षण केवल एक वैकल्पिक विचार नहीं बल्कि समय की आवश्यकता है। इसके कई कारण हैं : जीवन का आधार : शुद्ध वायु , जल और भोजन के बिना जीवन असंभव है। प्रदूषण के बढ़ने से ये सभी संसाधन दूषित हो रहे हैं , जिससे मान...

"Kabir Das: Unke advitiya vyaktitv aur kirtitav ki gehrayee"

संत कबीरदास भारतीय भक्ति आंदोलन के महान कवि और समाज सुधारक थे। उन्होंने समाज में फैली कुरीतियों , आडंबरों और जातिवाद के खिलाफ अपनी वाणी से आवाज उठाई । कबीर का व्यक्तित्व और कृतित्व भारतीय साहित्य , समाज और आध्यात्मिकता के क्षेत्र में एक अनमोल धरोहर है। इस लेख में " कबीर व्यक्तित्व का कृतित्व " की गहराई से चर्चा करेंगे। कबीरदास का जीवन परिचय कबीरदास का जन्म 15 वीं शताब्दी में वाराणसी में हुआ था। ऐसा माना जाता है कि वे एक जुलाहा परिवार में पले - बढ़े थे। कबीरदास का जीवन सादगी , भक्ति और सामाजिक सुधार से जुड़ा हुआ था। उन्होंने अपनी रचनाओं में समाज को सत्य , प्रेम , करुणा और ईश्वर भक्ति का मार्ग दिखाया। कबीर का अद्वितीय व्यक्तित्व साहसिक और निर्भीक : कबीरदास अपने समय के समाज सुधारकों में से एक थे , जिन्होंने निर्भीक होकर पाखंड और रूढ़ियों का विरोध किया। वे धार्मिक आडंबरों को अस्वीकार करते थे और सीधे सत्य को अपनाने की शिक्षा देते थे। स...